Navratri Mata Rani Shayari 2024
नवरात्रि का त्यौहार जब भी आता हैं,
माँ की भक्ति में दिल डूब जाता हैं.
माँ दुर्गा की अर्चना का पर्व हैं
नौ रूपों की भक्ति का पर्व हैं
माँ का आशीर्वाद पाने का पर्व हैं
हृदय में भक्ति जगाने का पर्व हैं..
मां कि ज्योति से प्रेम मिलता है
सबके दिलों को मरहम मिलता है
जो भी जाता है मां के द्वार
कुछ ना कुछ ज़रूर मिलता है..
माँ के चरणों में शीश झुकाता हूँ,
माता के दरबार में उनका गुण गाता हूँ..
सजा हे दरबार, एक ज्योति जगमगाई है,
सुना हे नवरात्रि का त्योहार आया हैं,
वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्करायी है..
बसे हो प्रभु तुम इस
जहां के कण कण में
तुम्हारी भक्ति से
जगती है अलख
कुछ करने की
जन जन में..
मिलते हैं हज़ारों से
पर एक है जो
हमेशा याद आता है
वो चौखट ही है तेरी माँ
जहां यह बंदा सुकून पाता है..
माँ दुर्गा के दर पर आया है जो,
कोई न कोई वर पाया है वो..
माँ दुर्गा के चरणों में जब शीश झुकाते हैं,
सारी मुसीबतों से लड़ने की ताकत पाते हैं..
ज़िन्दगी गर
दोराहे से गुजरती है
वो चौखट ही है तेरी माँ
जहां यह दिल सुकून पाता है..
माँ के दरबार जायेंगे,
माँ के चरणों में शीश झुकायेंगे,
माँ को अपना दुःख सुनायेंगे,
माँ का आशीर्वाद पायेंगे.
माँ तेरे दरबार में आया हूँ,
मेरे गुनाहों को माफ़ कर देना,
इस तेरे भक्त से बहुत भूल हुई है
ईमानदारी के रास्तें पर चलू
ऐसे मेरे दिल को साफ़ कर देना..
जीवन में जब संकट आता हैं,
अपने साथ नहीं हो तो जी घबराता हैं
माँ की भक्ति में दुःख का पता नहीं चलता
कुछ दिन में सुख का फूल खिल जाता हैं.
Mahishasura and Goddess Durga 10 Day Battle for Cosmic Balance